कुँवारियों का भय
इतने मे आगे बढ़ते हुए उसने कई कन्याये आनंदपूर्वक जाते हुए देखी । ये कन्याऐं कपड़ो और जेवरो से सजी हुई देवकन्याओं के समान सुन्दर थी वह भी उनके पीछे -२ चल पड़ा इतने मे एक बोली ,बहिनों ज़रा जल्दी-२ चलो देर होगी तो माँ नाराज होगी घर का काम करना है। चौका ,बर्तन ,झाड़ू करना है रसोई बनाना भी सीखनी है। उनमे से एक बोली कृष्णा अच्छी है पड़ने जाती है , कृष्णा बोली हाँ हाँ मुझे तो अपने छोटे बहिन भाई भी खिलाने पड़ते है ऐसा कहकर सब लड़कियाँ अपने - २ घर चली गयी । विलास उदास होकर इधर उधर भटकने लगा अब क्या करूँ ?
शरणागत
नीलम सक्सेना
इतने मे आगे बढ़ते हुए उसने कई कन्याये आनंदपूर्वक जाते हुए देखी । ये कन्याऐं कपड़ो और जेवरो से सजी हुई देवकन्याओं के समान सुन्दर थी वह भी उनके पीछे -२ चल पड़ा इतने मे एक बोली ,बहिनों ज़रा जल्दी-२ चलो देर होगी तो माँ नाराज होगी घर का काम करना है। चौका ,बर्तन ,झाड़ू करना है रसोई बनाना भी सीखनी है। उनमे से एक बोली कृष्णा अच्छी है पड़ने जाती है , कृष्णा बोली हाँ हाँ मुझे तो अपने छोटे बहिन भाई भी खिलाने पड़ते है ऐसा कहकर सब लड़कियाँ अपने - २ घर चली गयी । विलास उदास होकर इधर उधर भटकने लगा अब क्या करूँ ?
शरणागत
नीलम सक्सेना
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