विलास से पैदा होने वाले पाँच पुत्र - काम , क्रोध , लोभ , मोह , मत्सर
विषय सुख भोगते हुए बहुत समय बीत जाने पर उसके पाँच पुत्र पैदा हुए। वह अपने को धन्य समझने लगा। पुत्र जवान हुए सब लड़के उसी के समान बुरे कर्म करने वाले हुए। वे नीच कर्मो द्धारा विलास को सताने लगे। दंड देने पर वात्सल्य के कारण विलासवती उनका पक्ष लेकर उनके सामने होती थी। इस कारण दिनोदिन पतिपत्नी के दांपत्य प्रेम मे अंतर पड़ता गया। घर मे दुःख ने डेरा दाल दिया और राज्य मे उधम मचाने लगे। ऐसा करने पर विलास समझाता तो अपना -२ राज्य भाग बॉट देने का दबाव डालते थे। विलास ने शांति बनाये रखने के लिए राज्य उचित रीति से बॉट दिया परंतु फिर भी वे अपनी बुरी हरकतों से नहीं माने। सोचने लगे पिता ने जो राज्य अपने लिए बचाया है उसे कैसे हासिल किया जाए। विचार करने लगे पिता को मारकर ही बचा हुआ राज्य मिल सकता है। विलास को यह विचार मालूम हुए पुत्रो के तो वह घबरा गया और अपनी जान बचाने का सोचने लगा।
जिस विलासवती के लिए इतने कष्ट सहे थे उससे भी अनबन हो गयी थी। इस समय उसकी स्त्री ,धन ,राज्य ,लड़के सब सुख " शिवकंठ मे रहने वाले हलाहल के समान हो गए " उनसे अब अपने शरीर व आत्मा की कैसे रक्षा करे। उसके लिए बड़ा गम्भीर प्रश्न हो गया। अन्त मे उसने सब लालसा छोड़ छिप कर भाग जाना उचित समझा।
विलास रात को सदा के लिए नगर छोड़कर भाग निकला ।
विषय सुख भोगते हुए बहुत समय बीत जाने पर उसके पाँच पुत्र पैदा हुए। वह अपने को धन्य समझने लगा। पुत्र जवान हुए सब लड़के उसी के समान बुरे कर्म करने वाले हुए। वे नीच कर्मो द्धारा विलास को सताने लगे। दंड देने पर वात्सल्य के कारण विलासवती उनका पक्ष लेकर उनके सामने होती थी। इस कारण दिनोदिन पतिपत्नी के दांपत्य प्रेम मे अंतर पड़ता गया। घर मे दुःख ने डेरा दाल दिया और राज्य मे उधम मचाने लगे। ऐसा करने पर विलास समझाता तो अपना -२ राज्य भाग बॉट देने का दबाव डालते थे। विलास ने शांति बनाये रखने के लिए राज्य उचित रीति से बॉट दिया परंतु फिर भी वे अपनी बुरी हरकतों से नहीं माने। सोचने लगे पिता ने जो राज्य अपने लिए बचाया है उसे कैसे हासिल किया जाए। विचार करने लगे पिता को मारकर ही बचा हुआ राज्य मिल सकता है। विलास को यह विचार मालूम हुए पुत्रो के तो वह घबरा गया और अपनी जान बचाने का सोचने लगा।
जिस विलासवती के लिए इतने कष्ट सहे थे उससे भी अनबन हो गयी थी। इस समय उसकी स्त्री ,धन ,राज्य ,लड़के सब सुख " शिवकंठ मे रहने वाले हलाहल के समान हो गए " उनसे अब अपने शरीर व आत्मा की कैसे रक्षा करे। उसके लिए बड़ा गम्भीर प्रश्न हो गया। अन्त मे उसने सब लालसा छोड़ छिप कर भाग जाना उचित समझा।
विलास रात को सदा के लिए नगर छोड़कर भाग निकला ।
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